बालको की स्थापना 1965 में भारत की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी (पीएसयू) के रूप में हुई थी और तब से यह भारतीय औद्योगिक विकास के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध, बालको ऐसे समाधान विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है जो नवाचार, जिम्मेदारी और पर्यावरण की आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित करें।
एल्यूमिनियम सदन, कोर – 6, स्कोप कार्यालय परिसर, लोदी रोड, नई दिल्ली – 110003
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तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू द्वारा यूएसएसआर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर कोरबा एल्यूमिनियम परियोजना (बालको का पूर्व नाम) की औपचारिक शुरुआत।
होम / तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू द्वारा यूएसएसआर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर कोरबा एल्यूमिनियम परियोजना (बालको का पूर्व नाम) की औपचारिक शुरुआत।
एल्यूमिनियम तथ्य
प्रचुरता: एल्यूमिनियम पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला धातु है, जो
पृथ्वी की कुल खनिज संरचना का लगभग 8% है।
पुनर्चक्रण क्षमता: एल्यूमिनियम को बिना अपनी मूल गुणवत्ता खोए अनगिनत बार
पुनर्चक्रित किया जा सकता है, और अब तक उत्पादित 75% एल्यूमिनियम आज भी उपयोग में है।
हल्का और मजबूत: एल्यूमिनियम भार में हल्का तथा मजबूती में कई अन्य धातुओं से अधिक
अच्छा है, जिससे यह इमारतों, विमानों और वाहनों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयुक्त होता है।
उत्कृष्ट चालकता: एल्यूमिनियम विद्युत का एक उत्कृष्ट चालक है, जो तांबे की तुलना
में लगभग दोगुनी क्षमता से संचालित होता है।
प्राकृतिक जंग प्रतिरोध: हवा के संपर्क में आते ही एल्यूमिनियम एक सुरक्षात्मक
ऑक्साइड परत बना लेता है, जिससे यह विभिन्न वातावरणों में जंग और क्षरण से स्वाभाविक रूप से
सुरक्षित रहता है।