सुरक्षित और सशक्त समुदाय का निर्माण करना
2,000 से अधिक व्यक्तियों को सुरक्षा कौशल प्रदान कर, सतर्कता और तैयारी पर केंद्रित एक सकारात्मक संस्कृति विकसित की है। हमारी ‘समुदाय-प्रथम’ रणनीति दीर्घकालिक प्रभाव और लचीलापन सुनिश्चित करती है।
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सुरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त सदस्य
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क्षेत्रों में ट्रैफिक संकेत
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ट्रैफिक संकेत स्थापित किए गए
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लोग लाभान्वित

समुदायों में सुरक्षा को बढ़ावा देना सभी निवासियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। सुरक्षित वातावरण बनाने के अपने संकल्प के तहत हमने सड़क सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा पर केंद्रित व्यापक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। इनसे 2,000 से अधिक समुदाय के सदस्य लाभान्वित हुए, जिनमें स्कूल के बच्चे और वेदांता स्किल स्कूल के छात्र भी शामिल थे। हमने अपनी साझीदार टीम से मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जिससे वे हमारे कार्य क्षेत्रों में सुरक्षा और शून्य क्षति की संस्कृति को बढ़ावा दे सकें। अब ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स स्वतंत्र रूप से निरंतर सुरक्षा सत्र आयोजित कर रहे हैं जिससे समुदाय को महत्वपूर्ण सुरक्षा ज्ञान प्राप्त हो रहा है।
सड़क सुरक्षा को और बढ़ावा देने के लिए हमने 10 क्षेत्रों में 35 ट्रैफिक साइन इंस्टॉल किया। सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े और दुर्घटनाओं में कमी आए। ये संकेतक सुरक्षित वाहन संचालन और पैदल यात्रियों के व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे 4,000 से अधिक लोग सीधे रूप से लाभान्वित हुए हैं। इन प्रयासों के माध्यम से हम सुरक्षित, सतर्क और जागरूक समुदायं के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।

आइए, एक साथ मिलकर ऐसा देश बनाएं जहाँ, हर जानवर गरिमा और सम्मान के साथ जीवन जियें।
सुरक्षा, स्वास्थ्य और जिम्मेदार सामुदायिक भागीदारी के लिए समर्पित संवेदनशील अभियानों के माध्यम से पशु कल्याण को बढ़ावा देना।
हमने द एनिमल केयर ऑर्गनाइज़ेशन (टाको) के साथ मिलकर कई पशु कल्याण पहल की शुरुआत की है, जिनका उद्देश्य हमारे समुदाय में पशुओं की सुरक्षा और भलाई को बढ़ाना है। इन पहलों में प्रमुख रही रिफ्लेक्टिव कॉलर ड्राइव, जिसके तहत 1,500 से अधिक आवारा मवेशियों को रिफ्लेक्टिव कॉलर पहनाए गए जिससे वे रात के समय आसानी से दिखाई दे सकें, सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
अंतरराष्ट्रीय रेबीज दिवस के अवसर पर हमने 100 से अधिक आवारा कुत्तों का टीकाकरण किया, जिससे समुदाय को रेबीज-मुक्त बनाने के प्रयासों को बल मिला। साथ ही गर्मियों में पशु और पक्षियों को राहत देने के लिए वॉटर बाउल चैलेंज की शुरुआत की गई जिसके तहत समुदायों में पर्यावरण-अनुकूल मिट्टी के बर्तन रखे गए।
अन्य उल्लेखनीय पहल में शामिल हैं: वन्यजीव संरक्षण पर जागरूकता अभियान, अंतरराष्ट्रीय डॉग डे पर आवारा कुत्तों के लिए भोजन वितरण ड्राइव, और नंदघर में पालतू पशुओं के लिए नि:शुल्क पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन। ये सभी प्रयास पशु कल्याण को बढ़ावा देने और समुदाय में मनुष्यों व पशुओं के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए हैं।