भविष्य के लीडर को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना
हमारी पहल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, करियर मार्गदर्शन और कौशल विकास के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। ‘प्रोजेक्ट कनेक्ट’ एवं ‘नंदघर’ के माध्यम से हम छात्रों को सहयोग, शिक्षकों को प्रशिक्षण और समुदाय में शिक्षा की भागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं।
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छात्र, वित्तवर्ष 2024 में लाभान्वित
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प्रशिक्षित सरकारी शिक्षक
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नंद घर विद्यालय
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बच्चे और माताएं लाभान्वित

बच्चों और माताओं को एक उज्जवल भविष्य के लिए सशक्त बनान
नंद घर, आधुनिक और पुनर्निर्मित आंगनवाड़ियों का एक नेटवर्क है, जो प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवाओं और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित होकर समग्र विकास के अवसर उपलब्ध कराता है। यह पहल वेदांता और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की साझेदारी में संचालित की जा रही है, जो भारत में प्री-स्कूल शिक्षा की दिशा और गुणवत्ता को नया आकार दे रही है।
नंद घर मॉडल की मूल भावना डिजिटल प्रारंभिक बाल शिक्षा में निहित है, जहाँ बच्चों को एक विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम इंटरैक्टिव तरीकों जैसे बिल्डिंग ऐज़ लर्निंग एड (बाला) चित्रों और डिजिटल लर्निंग टूल्स के माध्यम से सिखाया जाता है। यह तरीका बच्चों की बौद्धिक क्षमता को विकसित करने में सहायक होता है और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को काफी हद तक बेहतर बनाता है। साथ ही पोषण संबंधी पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चों को सही पोषण मिले, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास में संतुलन बना रहे।
दोपहर के समय नंद घरों का उपयोग महिलाओं से जुड़ाव के लिए किया जाता है, जहाँ उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण, सरकारी योजनाओं से जुड़ने की सुविधा, तथा आय सृजन के विभिन्न अवसर जैसे, घरेलू कार्य, रोजगार, और बाज़ार से जुड़ाव प्रदान किए जाते हैं। महिलाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना नंद घर का मुख्य उद्देश्य है। यह पहल महिलाओं को न केवल सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करते हुए समुदाय में गरीबी के चक्र को तोड़ने और दीर्घकालिक, सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
वर्ष 2024 तक छत्तीसगढ़ के कोरबा और कवर्धा जिलों में स्थापित 58 नंद घरों ने 5,051 बच्चों और माताओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है। इन आंगनवाड़ियों ने ना केवल बच्चों की स्कूली तैयारी उपस्थिति और सीखने की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि महिलाओं के लिए कौशल विकास और आजीविका सुधार के मूल्यवान अवसर भी उपलब्ध कराए हैं।
यह परियोजना सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अरबन रूरल एडं ट्राईबल (श्रोत) के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।

चेयरमैन का संदेश
हमारी प्रमुख परियोजना नंद घर के माध्यम से हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाल कुपोषण उन्मूलन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और ग्रामीण महिलाओं को कौशल विकास के जरिए सशक्त बनाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि नंद घर जमीनी स्तर पर माँ और बच्चे के लिए एक बेहतर कल का निर्माण करता रहेगा।
अनिल अग्रवाल


उज्जवल भविष्य के लिए अवसरों के द्वार खोलना
आज की दुनिया में शिक्षा एक शक्तिशाली साधन है, जो व्यक्तियों को समाज में योगदान देने, अपने सपनों को साकार करने और एक बेहतर भविष्य बनाने का अवसर प्रदान करता है। इसी सोच को साकार करने के लिए, 2016 में प्रोजेक्ट कनेक्ट की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य छात्रों को शिक्षा से जोड़ना है और साथ ही बालको के कर्मचारियों को स्वयंसेवी कार्यों के माध्यम से समुदायों से जुड़ने का अवसर प्रदान करना है, जो बालको के मूल मूल्यों के अनुरूप है।
छात्रों और शिक्षकों के अनुपात में असंतुलन के कारण शुरुआती स्तर पर स्पष्ट समझ का अभाव देखने को मिलता है, जिससे विज्ञान, अंग्रेज़ी, गणित और लेखांकन (सेमा) जैसे विषयों को समझना छात्रों के लिए कठिन हो जाता है। प्रोजेक्ट कनेक्ट का उद्देश्य कक्षा 9 से 12 तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों को सेमा विषयों में सशक्त बनाना है, ताकि वे पढ़ाई बीच में न छोड़ें और शिक्षा से जुड़ाव बनाए रखें।
प्रयोगात्मक शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में हमने विज्ञान प्रदर्शनियों का आयोजन किया।ग्रीष्मकालीन शिविरों के माध्यम से छात्रों की सह-पाठ्यक्रमीय क्षमताओं को विकसित किया गया, जबकि शीतकालीन शिविरों में बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। साथ ही, आत्म-अध्ययन और आत्ममूल्यांकन को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष वर्कशीट्स का निर्माण किया गया।
छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए, जिससे वे अपने शैक्षणिक और करियर से जुड़े फैसले आत्मविश्वास के साथ ले सकें। साथ ही शिक्षकों की भूमिका को और प्रभावशाली बनाने हेतु आधुनिक, छात्र-केंद्रित शिक्षण पद्धतियों पर आधारित क्षमता-विकास कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं।
कम्युनिटी कनेक्ट’ पहल के अंतर्गत, हमने अभिभावकों, शिक्षकों और पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की, जिससे स्कूल छोड़ चुके बच्चों के पुनः नामांकन में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई। ड्रॉपआउट युवाओं को अध्ययन सामग्री वितरित कर शिक्षा के प्रति उनकी रुचि को पुनर्जीवित किया गया। हमारी कर्मचारी स्वयंसेवा पहल ‘शिक्षा सहयोगी’ के अंतर्गत बालको के कर्मचारियों ने इन बच्चों की शिक्षा को नया अवसर देने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की।
यह परियोजना सार्थक जन विकास संस्थान (एसजेवीएस) के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।